“‘16 सूर्योदय हर दिन’ – एक अंतरिक्ष यात्री की ज़ुबानी भारत की जीत”

    “जब भारत ने अंतरिक्ष को छुआ…”

  1. एक साधारण विकास की असाधारण कहानी

शुभांशु शुक्ला – एक सामान्य लड़के का नाम, जो देश की सेवा में Fighter Pilot बनकर उड़ा, और फिर उड़ान ली अंतरिक्ष तक। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि हमारे सपने कितने बड़े हो सकते हैं, जब मेहनत और लगन साथ हो। उन दस प्रेरक कथनों में ऐसी गहराई थी, जैसे हर शब्द में देशभक्ति की झलक हो ।


  1. मन की मजबूती – Zero-G का संघर्ष

शून्य गुरुत्वाकर्षण में दिमाग़ और शरीर दोनों जागरूक रहने पड़ते हैं। शुक्र है उन्होंने वो माहौल झेला और हमारे लिए प्रायोगिक डेटा लेकर आए – stem cell और muscle loss जैसे जटिल प्रयोग । सोचो, वो लम्हा कैसे होता होगा जब शरीर तैरता है, पर जिम्मेदारी डटी रहती है।


  1. देश को ओढ़ाया गौरव का परिधान

शुभांशु ने धरती से करीब 400 किमी ऊपर से “एकता में ताक़त” का संदेश फैलाया। उनका अनुभव, “16 सूर्योदय-सूर्यास्त हर दिन!”🇮🇳 – यह वाक्यांश खुद में एक कविता है, जो हमें समय की निष्ठा और क्षणों की अहमियत समझाता है ।


  1. युवा प्रेरणा – “अब या कभी नहीं”

उनकी ये यात्रा, खासकर उन युवाओं के लिए, जो सपने देखने से डरते हैं – वह उनके सबसे बड़े शिक्षक बनकर आई है। एक ऐसे इंसान की कहानी जिसने आसमान को सीमा मानकर नहीं रोका, बल्कि उसपर उड़ चुका।


✍️ अंत में – आपकी अगली उड़ान क्या है?

जो शुभांशु ने किया, वो किसी एक व्यक्ति की उपलब्धि नहीं, वो पूरे भारतीय वेदना-कर्म की जीत है। हमें उनकी न केवल उसरा (जूनून) बल्कि उनकी “मानसिक दृढ़ता” से भी सीख लेनी चाहिए। आपके दिल की उड़ान कैसी है? क्या आप भी खुशी से “अपने आसमान” को टच करने का सोच रहे हैं?