Google ko bhi nhi baksha AI ne machaya tehalka : 🔥 “AI का ऐसा ज़ोर चला कि Google भी आ गया लाइन में !”

🚨 “AI का तूफान ऐसा आया कि Google भी बन गया OpenAI का सप्लायर!”

Google vs ai

🧠 OpenAI ने Google Cloud से मिलाया हाथ, बढ़ती AI जरूरतों को पूरा करने के लिए

OpenAI, जो ChatGPT जैसे शक्तिशाली AI मॉडल बनाता है, अब केवल Microsoft पर निर्भर नहीं रहना चाहता। इसलिए कंपनी ने Google Cloud को भी अपने तकनीकी साझेदारों की लिस्ट में शामिल कर लिया है।

यह फैसला तब आया जब AI की दुनिया में कंप्यूटिंग की मांग आसमान छू रही है – और OpenAI को अब अपने मॉडल्स को ट्रेन करने और चलाने के लिए ज्यादा तेज़, लचीली और भरोसेमंद इंफ्रास्ट्रक्चर की ज़रूरत है।

☁️ Microsoft से आगे, अब Google भी पार्टनर

अब तक OpenAI का डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर मुख्य रूप से Microsoft Azure पर आधारित था।

मगर अब OpenAI ने Google Cloud के साथ भी समझौता किया है — हालांकि यह स्पष्ट किया गया है कि कंपनी Google के खुद के बनाए हुए AI चिप्स (TPUs) का इस्तेमाल नहीं करेगी।

यह डील मई 2025 में फाइनल हुई, और इसके पीछे कई महीनों की बातचीत रही।

💡 OpenAI की रणनीति: कंप्यूटिंग संसाधनों का विविधीकरण

OpenAI जानता है कि भविष्य के बड़े AI मॉडल्स के लिए उसे बहुत बड़ी मात्रा में संसाधन चाहिए। इसलिए वह अब CoreWeave, Oracle, और Google जैसी कंपनियों के साथ मिलकर अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को फैला रहा है।

Microsoft अभी भी बड़ा सपोर्टर है, लेकिन OpenAI अब एक ही स्रोत पर निर्भर नहीं रहना चाहता।

इसी सोच के तहत OpenAI ने CoreWeave के साथ कई अरब डॉलर की डील की है।

और SoftBank और Oracle के साथ मिलकर कंपनी एक $500 बिलियन का “Stargate” प्रोजेक्ट बना रही है — जो अगली पीढ़ी का AI सुपरकंप्यूटिंग नेटवर्क होगा।

🌍 AI के बदलते समीकरण

यह नई साझेदारी दिखाती है कि आज की AI कंपनियाँ केवल एक पार्टनर पर भरोसा करके नहीं चल सकतीं।
OpenAI का यह कदम इस बात की मिसाल है कि कैसे आज की टेक कंपनियाँ: लचीलापन,मल्टी-क्लाउड एक्सेस, और भविष्य की स्केलेबिलिटी को ध्यान में रखते हुए अपने बुनियादी ढांचे को दोबारा डिजाइन कर रही हैं।

कभी टेक्नोलॉजी की दुनिया में बादशाहत रखने वाला Google अब खुद OpenAI जैसे AI दिग्गज की ज़रूरतों को पूरा करने में लगा है।
जो Google कभी खुद AI में लीडर माना जाता था, अब OpenAI को क्लाउड सेवाएं दे रहा है — इससे साफ है कि AI ने पूरी गेम की परिभाषा बदल दी है।

 

🧠 AI ने बदल दिए रिश्ते — दुश्मन भी अब साझेदार बन रहे हैं

OpenAI, जो GPT जैसे विशाल और ताकतवर AI मॉडल बनाता है, अब एक ऐसी स्थिति में पहुँच चुका है कि उसे Google जैसी बड़ी कंपनी की ताक़त चाहिए।

Google, जो कभी अपने ही क्लाउड को सबसे आगे मानता था, अब OpenAI के लिए सप्लायर की भूमिका निभा रहा है।

दिलचस्प बात यह है कि Google और OpenAI के बीच पहले Microsoft की एक्सक्लूसिव डील की वजह से साझेदारी नहीं हो पा रही थी — लेकिन अब वो दीवार भी गिर चुकी है।

🔄 AI अब केवल ट्रेंड नहीं, ज़रूरत बन चुका है

AI की डिमांड इतनी तेज़ हो गई है कि अब कोई एक कंपनी इसे अकेले संभाल नहीं सकती।

Microsoft, जो OpenAI में भारी निवेश कर चुका है, अब देख रहा है कि वही OpenAI Google, Oracle और CoreWeave जैसी कंपनियों से भी मदद ले रहा है।

अब हर बड़ी टेक कंपनी ये समझ चुकी है: अगर AI के साथ दौड़ में बने रहना है, तो अकेले नहीं, साथ मिलकर चलना होगा।

 

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